शेवटची इच्छा !

अशाच एका सायंकाळी
तु मज भेटायासी येशील का?
आजही उभा त्या वाटेवरी
तु एकदा तरी जाशील का?

वाट पाहतो त्या नदीतीरी
वारा तु बनशील का?
वारा बनुनी हळूच येवूनी
प्रेमाचे चार बोल बोलशील का?

किनारा बनलो सागराचा
लाट तु होशील का?
काही क्षणांसाठी जरी असेल
तरी वाहत येवूनी मिळशील का?

आतुर झालो चातकापरी
तु वर्षा होशील का?
तुझ्या त्या एका थेम्बाने
मज मोहात टाकशील का?

तडफडतो, मरतो  मीनपरी
तु जीवन होशील का?
जीवनदान देवूनी माझ्या
जीवनात जीवन तु होशील का?

मृत्यू मार्गी उभा  ठाकतो  आहे ...
शेवटचे तरी येशील का?
माझ्या जळत्या त्या चितेसमोर
दोन आश्रू तरी ढाळशील  का?

सांग ना गं!एवढी तरी शेवटची इच्छा
माझी तु पुरी करशील का?
                                           - प्रतिक देसाई

कुछ यादे, कुछ बाते

दिल के किसी कोने मैं
कुछ यादे छुपी है।
आधी  अधूरी सी कुछ
बाते ताज़ी है।

कभी अकेले किसी
मक़ाम पर
दो पल रुकता हूँ।
झाक कर उन्हें देखता हूँ।
कभी होटों पे हसी
तो कभी आखों मे नमी
छोड़ जाती है वह

उनमे खोके मै खुद
खुदको  खोता हूँ।
पर खुदको खोके मै
उन पलों को फिरसे पाता हूँ।
कुछ लम्हों के लिए सही
उन्ही मे रहता हूँ।
उन्ही को जीता हूँ।

समय के  साथ तो
दुनिया बदली है।
दुनिया के लोग भी बदले है।
न बदली है तो वह यादे
न बदली है तो वह बातें 


दिल के किसी कोने मैं
कुछ यादे छुपी है।
आधी  अधूरी सी कुछ
बाते ताज़ी है।

-प्रतिक देसाई

क्या हो गया रे यार



देख यह क्या हो गया रे यार 
population का  बढ रहा ये भार है 
polution से weather बीमार है 
हर सोच में छिपा भ्रष्ट्राचार है 

दोस्ती अब हम ऑरकुट पे धुंदते  है 
ईद की मुबारक फेसबुक से भेजते है 
हैप्पी दिवाली का SMS 
और xmas की e-card भी पाते है 

पढाई की तो दुकान खोली  है
पांच  में  इंजिनियर 
और पचास में डॉक्टर की 
सीट बिकती है यहाँ 

स्कैम तो हर दिन होते यहाँ 
करनेवाले बेशर्मो की तरह घुमाते भी है यहाँ 
न बिजली न पानी 
फिर भी तरक्की हो रही है कहते है यहाँ 
देख यह क्या हो गया रे यार
देख यह क्या हो गया रे यार।।

                                    -प्रतिक देसाई 

Road Side Stone

I m sitting on dat roadside stone
With the hope
you wud pass some day
Yes I am waiting for u

Brightness of the day
Darkness of the night
Coldness of the winter
Warmness of the summer
Cant affect my desire
I am unmoved waiting for u there

To mk my dreams true
To make the start new
To kiss the future
To change the around nature
I am waiting for u
 lost unknown
rested on that roadside stone

One day you wud be mine
Life wud get shine
I m restless sitting there
waiting for u my dear

U hvnt turned upHopes hvnt died up
Its been so many years
I am still waiting for u there
Calm, composed, alone
Still Sitting on dat roadside stone..
-Pratik Desai

कधी कधी कुठे तरी लांब

कधी कधी कुठे तरी लांब जावस वाटत
दूरवर कुठे तरी 
संध्याकाळच्या कुशीत जावून बसावस वाटत
मावळत्या सूर्याच्या सोनेरी किरणात न्हाहून,
थंड वाऱ्याच्या झुळूकेत मन थंड कराव वाटत,
सागराच्या लाटांशी पाठशिवणीचा खेळ,
आणि किनार्याच्या वाळूत पाय रोवून शांत
बसावस वाटत....
किनार्यावरून चालत जावून
मधेच मागे वळून पाहून
आपल्याच पायाच्या ठशांकडे पहावस वाटत...
सर्व काही विसरून 
एकांतात रहावस वाटत..
कधी कधी कुठे तरी लांब जावस वाटततरी
दूरवर कुठे तरी....
                        - प्रतिक देसाई