देख यह क्या हो गया रे यार
population का बढ रहा ये भार है
polution से weather बीमार है
हर सोच में छिपा भ्रष्ट्राचार है
दोस्ती अब हम ऑरकुट पे धुंदते है
ईद की मुबारक फेसबुक से भेजते है
हैप्पी दिवाली का SMS
और xmas की e-card भी पाते है
पढाई की तो दुकान खोली है
पांच में इंजिनियर
और पचास में डॉक्टर की
सीट बिकती है यहाँ
स्कैम तो हर दिन होते यहाँ
करनेवाले बेशर्मो की तरह घुमाते भी है यहाँ
न बिजली न पानी
फिर भी तरक्की हो रही है कहते है यहाँ
देख यह क्या हो गया रे यार
देख यह क्या हो गया रे यार।।
-प्रतिक देसाई
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